Sex से पुरुषों की क्या भावनाएं होती है ?
हमारे जीवन में सेक्स sex के बारे में कभी भी खुलकर न बात करना यह भी एक गंभीर समस्या है
भारत में अक्सर सेक्स संबंधी बातें ही नहीं की जाती है क्योंकि उसे प्राइवेट का नाम किया गया है,
वहीं पर लगभग 30 से 40 वर्ष की उम्र वाले लोग कुछ बदलाव सा महसूस करते हैं।
लेकिन उसे बताने में शर्मिंदगी महसूस करते हैं।
Sex= सेक्स से जुड़ी हुई कुछ चिंताएं
सेक्स कैसे किया है इसमें पति पत्नी साथ मिलकर एक दूसरे से गले मिलना चुंबन करना प्राइवेट अंगों को छूना
और सेक्स करना शामिल है लेकिन आज के दौर में उम्र के साथ साथ सेक्स की क्रियाविधि कम होती जा रही है।
सेक्स हमारी शारीरिक इच्छाओं की पूर्ति ही नहीं करता बल्कि हमें मानसिक संतुष्टि भी प्रदान करता है।
आजकल सेक्स का बाजार इतना अधिक प्रबल हो गया है कि बहुत सी कंपनी में दवाई बेचने के लिए क्या से क्या वादा नहीं करते,
और साथ मिलकर वेबसाइट और अखबारों में इससे संबंधित जानकारी पढ़ने को मिल जाती है मगर सत्य तो यह है,
कि उम्र के साथ साथ हमारी सेक्स की इच्छा भी कम होती जाती है।
अक्सर लोग पॉर्न वीडियो देखकर वैसा ही करने की कोशिश करते हैं और सोचते हैं यह उनके लिए आसान है लेकिन उनका यह सोचना गलत होता है.
और ऐसा करने की कोशिश कभी भी न करें क्योंकि इससे आपका मन विचलित हो जाएगा क्योंकि फैंसी सेक्स sex= और रियल सेक्स में काफी अंतर है।
जब उम्र बढ़ती है तो sex मैं क्या बदलाव आते हैं ?
जैसे हमारी उम्र बढ़ती है ठीक उसी प्रकार से हमारे शरीर में सेक्स के कई बदलाव आते हैं,
लेकिन फिर भी मर्दों में sex से लेकर कई आशाएं होती हैं जैसे ही पुरुष 40 साल को पार करता है तो उसकी मानसिक और शारीरिक तौर पर कई बदलाव आते हैं.
और उनका शारीरिक संबंध पर भी गहरा असर पड़ता है लेकिन इसका मांनना यह नहीं है कि सेक्स बिल्कुल ही खत्म हो गया है,
या फिर पूरा खत्म हो जाता है हमारे जीवन में सेक्स किसी ने किसी हाल में बना ही रहता है।
मनुष्य जीवन में sex का प्रभाव
मनुष्य जीवन में सेक्स का प्रभाव उसकी मानसिक शक्ति तनाव और आर्थिक स्थिति से बहुत मायने रखता है,
इसके अलावा एक जीवन साथी का होना भी बहुत जरूरी है विवाह के कुछ समय बाद sex में कमी देखने को मिलती है,
जो कि सामान्य है इसका यह मतलब नहीं निकलता है कि अपने पूरे जीवन में रहेगा.
हमारे शरीर के अनुसार सेक्स की इच्छा कम ज्यादा होती रहती है लेकिन आपको कोई बीमारी है,
जैसे मधुमेह और दिल की बीमारी तो आप पर इसका उल्टा असर पड़ सकता है।
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सेक्स युवा दंपति में ही नहीं बल्कि मध्यआयु के लोगों के लिए भी है सेक्स से रिश्ते में सुधार आता है,
या फिर यूं कहें एक खुशहाल जिंदगी के लिए अपने पाटनर को संतुष्ट करना भी जरूरी होता है,
लेकिन कुछ लोगों में इसकी गलतफहमियां होती है और उनको उससे उम्मीद भी ज्यादा होती है इसलिए जरूरी है,
उनको सेक्स से संबंधित सकारात्मक सोच होनी चाहिए ।
बुजुर्गों में सेक्स की इच्छा
पुरूष औरत से ज्यादा सेक्स से प्रभावित होता है लेकिन 40 साल के बाद उसमें सेक्स की प्रक्रिया कम होने लगती है,
और पुरुष सोचता है कि उसकी पाटनर उससे कम उम्र की होनी चाहिए और वह किसी सोच में अपनी पुरानी प्रेमिका के बारे में सोचने लगता है,
लेकिन यह सोचते समय सकारात्मक सोच होनी चाहिए क्योंकि हद से जादा सोच आपके लिए घातक हो सकती है।
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और आपकी गृहस्थ जिंदगी में इसका बुरा असर पड़ता है,
इसके बजाय पुरुषों को अपनी पत्नी के बारे में थोड़ा सा ध्यान देना चाहिए,
और उससे शारीरिक संबंध बनाने की कोशिश करनी चाहिए अगर पुरुष ऐसा करने में विफल होते हैं,
तो इसका सीधा असर उनके मानसिक तनाव पर होता है।
अपने आपको अच्छा दिखाने की कोशिश
अपने लाइफ पाटनर को खुश करने की कोशिश और अपने आप को अच्छा दिखाने की कोशिश करना,
और इसके लिए हर जगह से जानकारी लेना एक कामोत्तेजना कहलाता है.
मनुष्य इस प्रक्रिया में बहुत सी सेक्स sex से संबंधित दवाइयों के बारे में भी जान लेने की कोशिश करता है,
और उन का सेवन करता है ।
वह भी बिना किसी डॉक्टर की सलाह से जो उनके लिए घातक सिद्ध हो सकता है,
इसलिए ऐसा बिल्कुल न करें अपने पार्टनर से ही बात करें इस बारे में और उस को समझाने की कोशिश करें ।
सेक्स जीवन में बीमारियों का प्रभाव
यदि आप लंबे समय तक किसी बीमारी के प्रभाव में है,
तो आप के सेक्स sex के दौरान लिंग में ज्यादा देर तक तनाव महसूस नहीं कर पाते है.
जिसे हम इरेक्टाइल डिसफंक्शन कहते हैं इसके अलावा कई बार शीघ्रपतन की समस्या भी सामने आती है,
और सेक्स में आनंद नहीं मिल पाता है जिसमें मर्दो का बीर्य स्खलन जल्दी हो जाता है,
जिस वजह से न तो पुरुष संतुष्ट हो पाते हैं और ना ही औरत।
इन बीमारियों की बहुत सी दवा बाजार में उपलब्ध है इसके चलते हम इन बीमारियों से छुटकारा पा सकते हैं लेकिन कोई भी दवा लेने से पहले हमें डॉक्टर की सलाह जरूर लेना चाहिए जो आवश्यक है।